थायराइड का रामबाण इलाज

थायराइड गर्दन में एक छोटी ग्रंथि होती है जो थायराइड हार्मोन्स बनाती है । ये कभी ज्यादा कभी कम हो सकता है। इसकी सबसे ज्यादा सम्भावना महिलाओ में अधिक रहती है। यह हार्मोन कम ज्यादा होने पर हाइपरथायरायडिज्म की दिक्कत अधिक रहती है । इसके कारण कमजोरी, थकान, डिप्रेशन, साँस लेने में दिक्कत, पीरियड्स की अनियमितता, मोटापा जैसी समस्याये हो सकती है।

एलोपैथी में आजीवन थायराइड हार्मोन्स की दवाई लेनी होती है दवाई लेने के बाद भी यह कम ज्यादा होता रहता है। लेकिन आयुर्वेद में कई जड़ी बूटियों से इसका इलाज संभव है। आइये जानते है Thyroid Thik Karne Ke Upay के बारे में ।

और पढ़े: 86 साल की बुजुर्ग महिला से रेप

मुलेठी – इसमें कई गुण है इससे थायराइड को कण्ट्रोल किया जा सकता है मुलेठी के पाउडर या इसके पानी पिने से थायराइड से होने वाली कमजोरी और थकान को दूर किया जा सकता है । मुलेठी में ट्रीटरपेनोइड ग्लाइसेरीथेनिक एसिड होता है जिससे थायराइड कैंसर को रोकने में कारगर होता है ।

अश्वगंधा – इससे हार्मोन्स में संतुलन बना रहता है। अश्वगंधा से इम्यून सिस्टम मजबूत (ashwagandha ke fayde) होता है । इसमें एंटीऑक्सीडेंड से भरपूर यह सही मात्रा में हार्मोन्स का उत्पादन करता है। इसे आप किसी भी रूप में ले सकते है टेबलेट या पाउडर दोनों में यह कारगर है।

अलसी – इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है जिससे थायरायड ग्रंथि को सही तरीके से काम करने में मदद (thyroid treatment at home in hindi) करता है। हाइपोथायरायडिज्म के रोगो में अलसी का प्रयोग जरूर करना चाहिए।

और पढ़े: केला, मौसमी, नारियल पानी हेल्थ बेनिफिट्स

निर्गुण्डी – यह बहुत से औषधीय गुणों वाली झाडी है संस्कृत में इसे श्वेत सुरसा, सुबाहा, इन्द्राणी, नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान में यह निनगंड नाम से जाना जाता है।

निर्गुण्डी की 21 पत्तियों को 21 दिनों तक सेवन करने से थायराइड में बहुत अधिक फायदा (nirgundi ke fayde) मिलता है इसके पत्तो का रस 14 से 28 मिलीलीटर दिन में 3 बार सेवन करना चाहिए । इसकी जड़ो को पीस कर इसका रस नाक में डालना चाहिए इससे भी फायदा मिलता है। निर्गुण्डी के सेवन से थायराइड जड़ से ख़तम हो जायेगा ।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *