गणेश आरती GANESH Ji Ki Aarti
सनातन धर्म में भगवान श्री गणेश प्रथम पूजनीय माने जाते हैं। किसी भी मांगलिक और शुभ कार्य को शुरू करने से पहले विघ्नहर्ता भगवान श्री Ganesh Ji Ki Aarti और उनके प्रतीक चिन्हों की पूजा करने विधान है, जिससे सारे कार्य सूख पूर्वक संपन्न हो जाये और उसमें सफलता मिल सके।सच्चे मन से श्री गणेश की आराधना करने से घर में खुशहाली, व्यापार में बरकत और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। भगवान गणेश मंगलकारी और बुद्धि दाता हैं, जिनकी सवारी मूषक यानि चूहा और प्रिय भोग मोदक (लड्डू) है। भगवान गणेश का हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहा जाता है। श्री गणेशजी की आरती जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ x2 एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारीमाथे पर सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी। x2 पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवाहार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवालड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥ x2 जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥अँधे को आँख देत कोढ़िन को कायाबाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया। x2 ‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवामाता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ x2 दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारीकामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी॥जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh DevaMata Jaki Parvati Pita Mahadeva ॥ x2 Ek Dant Daya Want, Char Bhuja DhariMastak Sindoor Shoye, Muse Ki Sawari॥ x2 Paan Chadhe Phool Chadhe Aur Chadhe MewaLaduvan Ka Bhog Lage, Sant Kare Seva ॥ x2 Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh DevaMata Jaki Parvati Pita MahadevaAndhan Ko aankh Dett kodhin ko kayaBanjhan ko Garbh dett nirdhan ko maya ॥ x2 Surshyaam sharan aaye safal kije SevaMata Jaki Parvati Pita Mahadeva Dinan ki laaj rakho, shambhu sutwariKamana ko puran karo, jag balhariJai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva तो दोस्तों…