Category Hinduism

श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa हिंदी में

श्री हनुमान चालीसा का एक-एक शब्द इतना प्रभावशाली है कि अगर पूरे मनोयोग से इसे 7 बार, 11 बार या फिर 108 बार पढ़ा जाए तो जीवन की हर बाधा दूर होने लगती है, हर रास्ता सरल और हर काम सफल होने लगता है। प्रस्तुत है Shri Hanuman Chalisa दोहाश्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाईजय हनुमान ज्ञान गुण सागरजय कपीस तिहुं लोक उजागर।।रामदूत अतुलित बल धामा।अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।महाबीर बिक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी।।कंचन बरन बिराज सुबेसा।कानन कुंडल कुंचित केसा।।हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।कांधे मूंज जनेऊ साजै।संकर सुवन केसरीनंदन।तेज प्रताप महा जग बन्दन।।विद्यावान गुनी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।।प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।राम लखन सीता मन बसिया।।सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।बिकट रूप धरि लंक जरावा।।भीम रूप धरि असुर संहारे।रामचंद्र के काज संवारे।।लाय सजीवन लखन जियाये।श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।नारद सारद सहित अहीसा।।जम कुबेर दिगपाल जहां ते।कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।राम मिलाय राज पद दीन्हा।।तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।लंकेस्वर भए सब जग जाना।।जुग सहस्र जोजन पर भानू।लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।दुर्गम काज जगत के जेते।सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।राम दुआरे तुम रखवारे।होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।सब सुख लहै तुम्हारी सरना।तुम रक्षक काहू को डर ना।।आपन तेज सम्हारो आपै।तीनों लोक हांक तें कांपै।।भूत पिसाच निकट नहिं आवै।महाबीर जब नाम सुनावै।।नासै रोग हरै सब पीरा।जपत निरंतर हनुमत बीरा।।संकट तें हनुमान छुड़ावै।मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।सब पर राम तपस्वी राजा।तिन के काज सकल तुम साजा।और मनोरथ जो कोई लावै।सोइ अमित जीवन फल पावै।।चारों जुग परताप तुम्हारा।है परसिद्ध जगत उजियारा।।साधु-संत के तुम रखवारे।असुर निकंदन राम दुलारे।।अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।अस बर दीन जानकी माता।।राम रसायन तुम्हरे पासा।सदा रहो रघुपति के दासा।।तुम्हरे…

गणेश आरती GANESH Ji Ki Aarti

सनातन धर्म में भगवान श्री गणेश प्रथम पूजनीय माने जाते हैं। किसी भी मांगलिक और शुभ कार्य को शुरू करने से पहले विघ्नहर्ता भगवान श्री Ganesh Ji Ki Aarti और उनके प्रतीक चिन्हों की पूजा करने विधान है, जिससे सारे कार्य सूख पूर्वक संपन्न हो जाये और उसमें सफलता मिल सके।सच्चे मन से श्री गणेश की आराधना करने से घर में खुशहाली, व्यापार में बरकत और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। भगवान गणेश मंगलकारी और बुद्धि दाता हैं, जिनकी सवारी मूषक यानि चूहा और प्रिय भोग मोदक (लड्डू) है। भगवान गणेश का हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहा जाता है। श्री गणेशजी की आरती जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ x2 एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारीमाथे पर सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी। x2 पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवाहार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवालड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥ x2 जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥अँधे को आँख देत कोढ़िन को कायाबाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया। x2 ‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवामाता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ x2 दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारीकामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी॥जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh DevaMata Jaki Parvati Pita Mahadeva ॥ x2 Ek Dant Daya Want, Char Bhuja DhariMastak Sindoor Shoye, Muse Ki Sawari॥ x2 Paan Chadhe Phool Chadhe Aur Chadhe MewaLaduvan Ka Bhog Lage, Sant Kare Seva ॥ x2 Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh DevaMata Jaki Parvati Pita MahadevaAndhan Ko aankh Dett kodhin ko kayaBanjhan ko Garbh dett nirdhan ko maya ॥ x2 Surshyaam sharan aaye safal kije SevaMata Jaki Parvati Pita Mahadeva Dinan ki laaj rakho, shambhu sutwariKamana ko puran karo, jag balhariJai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva तो दोस्तों…

अम्बे तू है जगदम्बे Durga Mata Aarti

सभी भक्तजनो को मेरा सदर प्रणाम। मित्रो आज हम आपको Durga Mata Aarti चित्र सहित हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में इस लेख के जरिये बताएँगे।  श्री माँ दुर्गा आरती हिंदी बोलअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती Iतेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी Iदानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी IIसौ-सौ सिहों से बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को पल में संघारती Iओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती IIमाँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता Iपूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता IIसब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली, दुखियों के दुखड़े निवारती Iओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती IIनहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना Iहम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना IIसबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली, सतियों के सत को संवारती Iओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती II(चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली Iवरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली IIमाँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती Iओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती IIअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती I Ambe Tu Hai Jagdambe Kali,Jai Durge Khappar Wali Tere Hi Gun Gaaye Bharati,O Maiya, Hum Sab Utaren Teri Aarti. Tere Bhakt Jano Par Mata Bheed Padi Hai Bhari,Daanav Dal Par Toot Pado Maa Karke Singh SawariSo So Singho Se Tu Bal Shali, Asth Bhujao Wali, Dushton Ko Pal Mein Sangharti,O Maiya, Hum Sab Utarey Teri Aarti. Maa Bete Ka Hai Ish Jag Mein Bada Hi Nirmal NataPoot Kaput Sune Hai Par Na Mata Suni KumataSab Par…

जय अम्बे गौरी Jai Ambe Gauri

सभी भक्तजनो को मेरा सदर प्रणाम। मित्रो आज हम आपको Jai Ambe Gauri Aarti चित्र सहित हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में इस लेख के जरिये बताएँगे। माँ अम्बे गौरी जी की आरती। जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी Iतुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी IIॐ जय अम्बे गौरीमाँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को Iउज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको IIॐ जय अम्बे गौरीकनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै Iरक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै IIॐ जय अम्बे गौरीकेहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी Iसुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी IIॐ जय अम्बे गौरीकानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती Iकोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति IIॐ जय अम्बे गौरीशुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती Iधूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती IIॐ जय अम्बे गौरीचण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे Iमधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे IIॐ जय अम्बे गौरीब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी Iआगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी IIॐ जय अम्बे गौरीचौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ Iबाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु IIॐ जय अम्बे गौरीतुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता Iभक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता IIॐ जय अम्बे गौरीभुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी Iमनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी IIॐ जय अम्बे गौरीकन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती Iश्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति IIॐ जय अम्बे गौरीश्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै Iकहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै IIॐ जय अम्बे गौरीJai Ambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri.Tumako Nishadin Dhyavat, Hari Bramha Shivari.Om Jai Ambe Gauri Mang Sindur Virajat, Tiko Mrigamad Ko.Ujjval Se Dou Naina, Chandravadan Neeko.Om Jai Ambe Gauri Kanak Saman Kalevar, Raktambar Raje,Raktpushp Gal Mala, Kanthan Par Saje.Om Jai Ambe Gauri Kehari Vahan Rajat, Khadag Khappar Dhari,Sur-Nar-Munijan Sevat, Tinake Dukhahari.Om Jai Ambe Gauri Kaanan Kundal Shobhit, Nasagre Moti,Kotik Chandr Divakar, Rajat Sam Jyoti.Om Jai Ambe Gauri Shumbh-Nishumbh Bidare, Mahishasur Ghati,Dhumr Vilochan Naina, Nishadin Madamati.Om Jai Ambe…

गायत्री माता आरती Gayatri Mata Ki Aarti

सभी भक्तजनो को मेरा सादर प्रणाम। मित्रो आज हम आपको Gayatri Mata Ki Aarti चित्र सहित हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में इस लेख के जरिये बताएँगे।  जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता Iसत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता IIजयति जय गायत्री माता… आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री Iदु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री IIजयति जय गायत्री माता… ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे Iभव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे IIजयति जय गायत्री माता… भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि Iअविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी IIजयति जय गायत्री माता… कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता Iसविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता IIजयति जय गायत्री माता… ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे Iकुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे IIजयति जय गायत्री माता… स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी Iजय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी IIजयति जय गायत्री माता… जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे Iयदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे IIजयति जय गायत्री माता… स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै Iविलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै IIजयति जय गायत्री माता… काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये Iशुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये IIजयति जय गायत्री माता… तुम समर्थ सब भांति तारिणी तुष्टि-पुष्टि द्दाता Iसत मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता IIजयति जय गायत्री माता…. Jai Gayatri Mata, Jayati Jai Jayati Mata ISat Maraga Para Hamen Chalao, Jo Hai Sukhadata IIJayati Jai Gayatri Mata… Adi Shakti Tuma Alakha Niranjana Jaga Palana Kartri IDukha, Shoka, Bhaya, Klesha, Kalaha Daridraya Dainya Hartri IIJayati Jai Gayatri Mata… Brahri Rupini, Pranata Palini, Jagatadhatri Ambe IBhavabhayahari, Janahitakari, Sukhada Jagadambe IIJayati Jai Gayatri Mata… Bhayaharini Bhavatarini Anaghe, Aja Ananda Rashi IAvikari, Aghahari, Avichalita, Amale, Avinashi IIJayati Jai Gayatri Mata… Kamadhenu Sat Chit Ananda, Jai Ganga Gita ISavita…

सन्तोषी माता की आरती Santoshi Mata Ki Aarti

सभी भक्तजनो को मेरा सादर प्रणाम। मित्रो आज हम आपको Santoshi Mata Ki Aarti चित्र सहित हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में इस लेख के जरिये बताएँगे।  शुक्रवार को विधिपूर्वक करे संतोषी माता की आरती। जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ।अपने सेवक जन की,सुख सम्पति दाता ॥जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ सुन्दर चीर सुनहरी,मां धारण कीन्हो ।हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार लीन्हो ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ गेरू लाल छटा छबि,बदन कमल सोहे ।मंद हंसत करुणामयी,त्रिभुवन जन मोहे ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ स्वर्ण सिंहासन बैठी,चंवर दुरे प्यारे ।धूप, दीप, मधु, मेवा,भोज धरे न्यारे ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ गुड़ अरु चना परम प्रिय,तामें संतोष कियो ।संतोषी कहलाई,भक्तन वैभव दियो ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ शुक्रवार प्रिय मानत,आज दिवस सोही ।भक्त मंडली छाई,कथा सुनत मोही ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ मंदिर जग मग ज्योति,मंगल ध्वनि छाई ।विनय करें हम सेवक,चरनन सिर नाई ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ भक्ति भावमय पूजा,अंगीकृत कीजै ।जो मन बसे हमारे,इच्छित फल दीजै ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ दुखी दारिद्री रोगी,संकट मुक्त किए ।बहु धन धान्य भरे घर,सुख सौभाग्य दिए ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ ध्यान धरे जो तेरा,वांछित फल पायो ।पूजा कथा श्रवण कर,घर आनन्द आयो ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ चरण गहे की लज्जा,रखियो जगदम्बे ।संकट तू ही निवारे,दयामयी अम्बे ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ सन्तोषी माता की आरती,जो कोई जन गावे ।रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,जी भर के पावे ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ।अपने सेवक जन की,सुख सम्पति दाता ॥ सन्तोषी माता की आरती In English Jai Santoshi Mata, Maiya Jai Santoshi Mata।Apane Sewak Jana Ko, Sukha Sampatti Data॥Jai Santoshi Mata॥ Sundar Cheer Sunahari Maa Dharan Kinho।Heera Panna Damake,…

ॐ जय शिव ओंकारा Shiva aarti

सभी भक्तजनो को मेरा सादर प्रणाम। मित्रो आज हम आपको Shiva Aarti चित्र सहित हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में इस लेख के जरिये बताएँगे। शिवजी की आरती घी लगी हुई रुई की बत्ती और कर्पूर से करनी चाहिए. इस आरती को करने से मिलता है भगवान शिव का आशीर्वाद। ॐ जय शिव ओंकारा शिव जी की आरती जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी । चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥ जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा| ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥ Shiva Aarti In English Om Jai Shiv Omkara, Swami Jai Shiv Omkara। Brahma Vishnu Sadashiv, Ardhangi Dhara॥ Om Jai Shiv Omkara॥ Ekanan Chaturanan Panchanan Raje। Hansasan Garudasan Vrishvahan Saje॥ Om Jai Shiv Omkara॥ Do Bhuj Chaar Chaturbhuj Dashbhuj Ati Sohe। Trigun Roop Nirakhate Tribhuvan Jan Mohe॥ Om Jai Shiv Omkara॥ Akshmala Vanmala Mundmala Dhari। Tripurari Kansari Kar Mala Dhari॥ Om Jai Shiv Omkara॥ Shvetambar Peetambar Baghambar Ange। Sankadik Garunadik Bhootadik Sange॥ Om Jai Shiv Omkara॥ Kar Ke Madhya Kamandalu Chakra Trishuldhari। Sukhkari Dukhhari Jagpalan Kari॥…

आरती हनुमान लला की Hanuman Aarti

श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाली आरती है. हनुमान जी भक्तों के संकट हरते हैं और श्री हनुमान जी की पूजा करने से कई लाभ होते हैं। जो भी व्यक्ति रोजाना Hanuman Aarti पढ़ता है उसके सारे दुख और संकट समाप्त हो जाते हैं। आरती हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की ।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरवर काँपे ।रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥अंजनि पुत्र महा बलदाई ।संतन के प्रभु सदा सहाई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥ दे वीरा रघुनाथ पठाए ।लंका जारि सिया सुधि लाये ॥लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।जात पवनसुत बार न लाई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥ लंका जारि असुर संहारे ।सियाराम जी के काज सँवारे ॥लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।लाये संजिवन प्राण उबारे ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥ पैठि पताल तोरि जमकारे ।अहिरावण की भुजा उखारे ॥बाईं भुजा असुर दल मारे ।दाहिने भुजा संतजन तारे ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥ सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।जय जय जय हनुमान उचारें ॥कंचन थार कपूर लौ छाई ।आरती करत अंजना माई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥ जो हनुमानजी की आरती गावे ।बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥लंक विध्वंस किये रघुराई ।तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ Hanuman Aarti In English Aarti Kije Hanuman Lala Ki।Dusht Dalan Ragunath Kala Ki॥ Jake Bal Se Girivar Kaanpe।Rog Dosh Ja Ke Nikat Na Jhaanke॥ Anjani Putra Maha Baldaaee।Santan Ke Prabhu Sada Sahai॥ De Beera Raghunath Pathaaye।Lanka Jaari Siya Sudhi Laaye॥ Lanka So Kot Samundra-Si Khai।Jaat Pavan Sut Baar Na Lai॥ Lanka Jaari Asur Sanhare।Siyaramji Ke Kaaj Sanvare॥ Lakshman Moorchhit Pade Sakaare।Aani Sajeevan Pran Ubaare॥ Paithi Pataal Tori Jam-kaare।Ahiravan Ke Bhuja Ukhaare॥ Baayen Bhuja Asur Dal Mare।Daahine…