Category Hinduism

श्री सत्यनारायणजी की आरती Shri Satyanarayan Bhagwan Aarti

सत्य को नारायण के रूप में पूजना ही सत्यनारायण की पूजा है. इसका दूसरा अर्थ यह है कि संसार में एकमात्र नारायण ही सत्य हैं, बाकी सब माया है. भगवान सत्य नारायण जी का व्रत गुरूवार को किया जाता है। आज हम आपको Satyanarayan Bhagwan Ki Aarti चित्र सहित हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में इस लेख के जरिये बताएँगे। श्री सत्यनारायणजी की आरती हिंदी में जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे ।नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । प्रकट भए कलि कारण, द्विज को दरस दियो ।बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी ।चंद्रचूड़ एक राजा, तिनकी बिपति हरी ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीन्हीं ।सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्हीं ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । भाव-भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धर्‌यो ।श्रद्धा धारण किन्ही, तिनको काज सरो ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । ग्वाल-बाल संग राजा, बन में भक्ति करी ।मनवांछित फल दीन्हों, दीन दयालु हरि ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । चढ़त प्रसाद सवायो, कदली फल मेवा ।धूप-दीप-तुलसी से, राजी सत्यदेवा ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे ।तन-मन-सुख-संपति मनवांछित फल पावै॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । Shri Satyanarayan Bhagwan Ki Aarti in English Jai Lakshmi Ramna, Swami Jai Lakshmi Ramna।Satyanarayan Swami, Jan Paatak Harna॥॥Om Jai Lakshmi Ramna…॥ Ratan Jadhit Sinhaasan, Adbhut Chavi Raaje।Naarad Karat Niraajan, Ghanta Van Baaje॥॥Om Jai Lakshmi Ramna…॥ Prakat Bhay…

श्री राम जी की आरती Shri Ram Ji Ki Aarti

!! बोलो श्री राम चंद्र जी महाराज की जय !! हिन्दू धर्म के आराध्य देव प्रभु श्री राम जिनके नाम मात्र से सभी पापो का विनाश हो जाता है और माना जाता है की Shri Ram Ji Ki Aarti करने से आत्मा को मोक्ष प्राप्त होती है। प्रभु श्री राम विष्णु जी के अवतार थे और उनकी कथा रामायण हिन्दू  धर्म की पवित्र गाथा है जिन के आदर्श और जीवन प्रेणा आज भी प्रेणनादायी है ।  श्री राम चंद्र जी की आरती श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।। कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।। भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।। सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।। इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।। मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।। एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।। जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।। Shri Ram ji Ki Aarti In English Shri Rama Chandra Kripalu Bhajuman, Haran Bhavbhay Darunam।Nav Kanj Lochan, kanj Mukh Kar Kanj Pad Kanjarunam॥Shri Rama Chandra Kripalu Bhajuman…।Kandarp Aganit Amit Chhavi, Nav Neel Neerad Sundaram।Pat Peet Maanahu Tadit Ruchi-Shuchi Naumi Janak Sutavaram॥Shri Rama Chandra Kripalu Bhajuman…।Bhaju Deenbandhu Dinesh Danav Daitya Vansh Nikandanam।Raghunand Anand Kand Kaushal Chandra Dasharath Nandanam॥Shri Rama Chandra Kripalu Bhajuman…।Shir Mukut Kundal Tilak Charu Udar Ang Vibhushanam।Ajanubhuj Shar Chap-Dhar Sangram Jit Khardushnam॥Shri Rama Chandra Kripalu Bhajuman…।Iti Vadati Tulsidas, Shankar Shesh Muni Man Ranjanam।Mam Hriday Kanj Nivas Kuru, Kaamadi Khal Dal Ganjanam॥Shri Rama Chandra Kripalu Bhajuman…।Man…

ॐ जय जगदीश हरे आरती Jagdish Maharaj Ki Aarti

श्री Jagdish Maharaj Ki Aarti रोज सुबह शाम करने से घर में सुख और समृद्धि का विकास होता है। Om Jai Jagadish Hare की आरती में होने वाले कष्टों से छुटकारा मिलता है। ऐसा  कहा जाता है की इस आरती के वंदन से सभी देवी देवताओ की छत्र छाया हम पे बनी रहती है। ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे ।भक्त जनों के संकट,दास जनों के संकट,क्षण में दूर करे ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ जो ध्यावे फल पावे,दुःख बिनसे मन का,स्वामी दुःख बिनसे मन का ।सुख सम्पति घर आवे,सुख सम्पति घर आवे,कष्ट मिटे तन का ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ मात पिता तुम मेरे,शरण गहूं किसकी,स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।तुम बिन और न दूजा,तुम बिन और न दूजा,आस करूं मैं जिसकी ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ तुम पूरण परमात्मा,तुम अन्तर्यामी,स्वामी तुम अन्तर्यामी ।पारब्रह्म परमेश्वर,पारब्रह्म परमेश्वर,तुम सब के स्वामी ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ तुम करुणा के सागर,तुम पालनकर्ता,स्वामी तुम पालनकर्ता ।मैं मूरख फलकामी,मैं सेवक तुम स्वामी,कृपा करो भर्ता॥॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ तुम हो एक अगोचर,सबके प्राणपति,स्वामी सबके प्राणपति ।किस विधि मिलूं दयामय,किस विधि मिलूं दयामय,तुमको मैं कुमति ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,ठाकुर तुम मेरे,स्वामी रक्षक तुम मेरे ।अपने हाथ उठाओ,अपने शरण लगाओ,द्वार पड़ा तेरे ॥॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ विषय-विकार मिटाओ,पाप हरो देवा,स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,सन्तन की सेवा ॥ ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे ।भक्त जनों के संकट,दास जनों के संकट,क्षण में दूर करे ॥ Jagdish Maharaj Ki Aarti in English Om Jai Jagdish Hare, Swami Jaya Jagdish Hare Bhakta janon ke sankat, Kshan me door kar Om Jai Jagdish Hare Jo dhyave phal pave, Dhukh vinashe man ka Swami dhukh vinashe man ka Sukh sampati Ghar aave, Kashht mite tan ka Om Jai Jagdish Hare Mata pita tum mere, Sharan padun mai kis ki Swami sharan…

श्री शनि देव की आरती Shri Shani Dev Ki Aarti

शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाने से शनि देव प्रसन होते है। ऐसा माना जाता है की शनि देव कर्मो के अनुसार फल देते है लेकिन अगर Shani Dev Ki Aarti और पूजा पूर्ण रूप से विधिवत की जाये तो शनि देव जल्द प्रसन होते है और उनकी छत्र छाया उस पर बनी रहती है     श्री शनि देव की आरती जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि देव…. श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि देव…. क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी।। जय जय श्री शनि देव…. मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी।। जय जय श्री शनि देव…. देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।। Jai jai shri shanidev bhagatan hitkaariSuraj ke putr prabhu chhaya mahtari Jai jai shri shanidev bhagatan hitkaari. Shyam ank vakr drasht chaturbhuja dhaariNilambar dhar nath gaj ki aswari Jai jai shri shanidev bhagatan hitkaari Krit mukut mukut shish rajit dipat hai lilariMuktan ki mala gale shobhit balihari Jai jai shri shanidev…. Modak mishthan paan chadhat hai supariLoha til tel udad mahishi ati pyari Jai jai shri shanidev…. Dev danuj rishi muni sumirat nar nariVishvnath dhrat dhyan sharan hai tumhari Jai jai shri shanidev तो दोस्तों बोलो जय श्री राम। अगर आपको Shani Dev Ki Aarti में कोई त्रुटि नज़र आये तो हमे कमेंट करके जरुरु बताइयेगा।

आरती श्री साईं गुरुवर की Sai Baba Aarti

गुरुवार के दिन अगर श्रद्धा पूर्वक साईं बाबा के मंदिर में जाकर या फिर अपने घर में साईं बाबा की मूर्ति या फोटों के सामने कपुर एवं पांच बत्ती वाले से साईंनाथ की इन दो चमत्कारी Sai Baba Aarti में से किसी भी एक को करने से भगवान साईंनाथ साक्षात प्रकट होकर एक साथ कई इच्छाएं पूरी कर देते हैं। आरती श्री साईं गुरुवर की आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।जा की कृपा विपुल सुखकारी,दु:ख शोक, संकट, भयहारी॥आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। शिरडी में अवतार रचाया,चमत्कार से तत्व दिखाया।कितने भक्त चरण पर आये,वे सुख शान्ति चिरंतन पाये॥आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। भाव धरै जो मन में जैसा,पावत अनुभव वो ही वैसा।गुरु की उदी लगावे तन को,समाधान लाभत उस मन को॥आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। साईं नाम सदा जो गावे,सो फल जग में शाश्वत पावे।गुरुवासर करि पूजा-सेवा,उस पर कृपा करत गुरुदेवा॥आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। राम, कृष्ण, हनुमान रुप में,दे दर्शन, जानत जो मन में।विविध धर्म के सेवक आते,दर्शन कर इच्छित फल पाते॥आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। जै बोलो साईं बाबा की,जै बोलो अवधूत गुरु की।साईंदास’ आरती को गावै,घर में बसि सुख, मंगल पावे॥आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। Sai Baba Aarti In English aarti shri sai guruvar ki, parmanand sada survar ki.jaki krpa vipul sukhakaree,dukh shok sankat bhayaharee,aarti shri sai guruvar ki,parmanand sada survar ki. shiradee mein avatar rachaya,chamatkaar se jag harshaya,kitane bhakt sharan mein aaye,sab sukh shaanti chirantan paaye,aarti shri sai guruvar ki,parmanand sada survar ki. bhaav dhare jo man mein jaisa,paavat anubhav vo hee vaisa,guru ki udee lagave tan ko,samadhaan labhat us man ko,aarti shri sai guruvar ki,parmanand sada survar ki. sain naam sada jo gave,so phal jag mein shashvat paave,guruvasar karee pooja…

ॐ जय गंगे माता Maa Ganga Aarti

सभी भक्तजनो को मेरा सदर प्रणाम। मित्रो आज हम आपको Maa Ganga Aarti चित्र सहित हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में इस लेख के जरिये बताएँगे। बोलो गंगे माता की जय ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता Iजो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता IIॐ जय गंगे माता चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता Iशरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता IIॐ जय गंगे माता पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता Iकृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता IIॐ जय गंगे माता एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता Iयम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता IIॐ जय गंगे माता आरती मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता Iसेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता IIॐ जय गंगे माता Om Jai Gange Mata, Shri Jai Gange Mata IJo Nar Tumko Dhyata, Man Vanchhit Phal Pata IIOm Jai Gange Chandra Si Jyot Tumhari, Jal Nirmal Aata ISharan Pade Jo Teri, So Nar Tar JataIIOm Jai Gange Putra Sagar Ke Tare, Sab Jag Ko Gyata IKripa Drishti Tumhari, Tribhuvan Sukh Data IIOm Jai Gange Ek Bar Jo Parani, Sharan Teri Aata IYam Ki Tras Mitakar, Paramgati Pata IIOm Jai Gange Aarti Matu Tumhari, Jo Jan Nit Gata I Sevak Wahi Sahaj Me, Mukti Ko Pata IIOm Jai Gange तो दोस्तों बोलो जय गंगा माता की। अगर आपको Maa Ganga Aarti में कोई त्रुटि नज़र आये तो हमे कमेंट करके जरुरु बताइयेगा।